Jhansi: झाँसी रेलवे स्टेशन पर सेना के डॉक्टर ने की महिला की सफल डिलीवरी, इंटरनेट पर हो रही जमकर सराहना

Jhansi: वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी रेलवे स्टेशन पर मानवता का एक अनोखा दृश्य सामने आया जब एक गर्भवती महिला को अचानक प्रसव पीड़ा हुई और वहां मौजूद भारतीय सेना के डॉक्टर मेजर रोहित तथा रेलवे की चिकित्सा टीम ने मिलकर सुरक्षित प्रसव कराकर माँ और नवजात की जान बचाई।

प्लेटफॉर्म पर शुरू हुई प्रसव पीड़ा, मेजर रोहित ने संभाली स्थिति

यह घटना तब हुई जब ट्रेन संख्या 15066 (पनवेल-गोरखपुर एक्सप्रेस) 5 जुलाई को झाँसी स्टेशन पर खड़ी थी और एक महिला यात्री को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। संयोगवश उसी समय प्लेटफॉर्म पर मौजूद सेना के डॉक्टर, मेजर रोहित (मिलिट्री हॉस्पिटल झाँसी) अपनी ट्रेन का इंतजार कर रहे थे।

जैसे ही उन्होंने महिला की हालत देखी, उन्होंने बिना देर किए मदद का फैसला लिया। महिला रेल यात्री की गंभीर स्थिति को देखते हुए महिला स्टाफ ने तुरंत एक अस्थायी जगह घेर दी और मेजर रोहित ने वहीं पर प्रसव की प्रक्रिया शुरू की।

बिना संसाधनों के दिखाई सूझबूझ

मेजर रोहित के पास उस समय किसी ऑपरेशन थिएटर जैसी सुविधा या उपकरण नहीं थे, लेकिन उन्होंने जो कुछ पास में था, उसी से काम चलाया। उन्होंने बताया, “नाल काटने के लिए मैंने हेयर क्लिप और पॉकेट नाइफ का इस्तेमाल किया। माँ और बच्ची की स्थिति नाजुक थी और हर सेकंड कीमती था।”

उन्होंने बताया कि उन्होंने उपलब्ध चीजों से एक अस्थायी डिलीवरी ज़ोन तैयार किया और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखते हुए सुरक्षित डिलीवरी करवाई। यह पूरी प्रक्रिया फुटओवर ब्रिज और ट्रेन के पास रेलवे परिसर में ही हुई।

रेलवे मेडिकल टीम ने निभाई अहम भूमिका

घटना की सूचना मिलते ही झाँसी स्टेशन के रेलवे कंट्रोल रूम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए रेलवे मेडिकल टीम को सक्रिय किया। डिलीवरी के तुरंत बाद माँ और नवजात को एंबुलेंस से पास के अस्पताल भेजा गया, जहाँ दोनों की हालत स्थिर बताई गई।

उत्तर मध्य रेलवे, झाँसी मंडल ने एक बयान में कहा, “महिला यात्री को ट्रेन में प्रसव पीड़ा होने की जानकारी मिलते ही रेलवे टीम सक्रिय हुई और सेना के डॉक्टर की मदद से माँ और शिशु को आवश्यक उपचार देकर एंबुलेंस से अस्पताल पहुँचाया गया।”

इंटरनेट पर सराहना की बौछार

घटना सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोग सेना और रेलवे कर्मचारियों की तारीफ करते नहीं थक रहे। एक यूजर ने लिखा, “सैनिक हर जगह ड्यूटी पर है – चाहे युद्ध का मैदान हो या रेलवे स्टेशन।” एक अन्य ने कहा, “रेलवे और सेना, दोनों ने साबित कर दिया कि मानव सेवा से बड़ा कोई कर्तव्य नहीं होता।”

झाँसी रेलवे स्टेशन पर घटित यह घटना सिर्फ एक मेडिकल इमरजेंसी नहीं थी, बल्कि यह मानवता, तत्परता और सेवा भावना की जीती-जागती मिसाल बन गई। सेना के डॉक्टर और रेलवे की टीम ने मिलकर समय रहते जो कदम उठाया, उसने एक माँ और नवजात शिशु को सुरक्षित जीवन प्रदान किया।

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