भारत में Hydrogen Train का युग शुरू: देश की पहली हाइड्रोजन पावर्ड कोच का सफल परीक्षण

Hydrogen Train: भारतीय रेलवे ने स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम बढ़ाया है। चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) ने देश की पहली हाइड्रोजन पावर्ड कोच का सफल परीक्षण किया है, जो भारत को विश्व के अग्रणी क्लीन रेल इनोवेशन देशों की श्रेणी में ले आता है।

क्या है खास इस Hydrogen Train में?

दुनिया की सबसे शक्तिशाली हाइड्रोजन ट्रेन

इस ट्रेन की पावर 1600 हॉर्सपावर (HP) है, जो इसे विश्व की सबसे शक्तिशाली हाइड्रोजन ट्रेन बनाती है।

विश्व रिकॉर्ड तोड़ती यात्री क्षमता

यह ट्रेन 2600+ यात्रियों को ले जाने में सक्षम है, जो किसी भी हाइड्रोजन ट्रेन में अब तक की सबसे अधिक क्षमता है।

भारत की सबसे लंबी हाइड्रोजन ट्रेन

इस ट्रेन का रेक कॉम्पोजिशन – 2 ड्राइविंग पावर कार्स और 8 ट्रेलर कार्स – इसे विश्व की सबसे लंबी हाइड्रोजन ट्रेन बनाता है।

प्रस्तावित संचालन मार्ग : Jind-Sonipat Hydrogen Train

इस हाईटेक ट्रेन का परिचालन हरियाणा के जींद और सोनीपत के बीच प्रस्तावित है।

सतत गतिशीलता की दिशा में एक बड़ा कदम

हाइड्रोजन पावर्ड ट्रेनों का मुख्य उद्देश्य है – शून्य कार्बन उत्सर्जन, जिससे रेल परिवहन पूरी तरह स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल बन सके। यह पहल न केवल भारतीय रेलवे को ग्रीन एनर्जी की ओर अग्रसर करती है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत की तकनीकी क्षमताओं को दर्शाती है।

इस नवाचार से यह स्पष्ट है कि भारतीय रेलवे अब पारंपरिक ईंधनों पर निर्भरता कम कर भविष्य की टिकाऊ परिवहन प्रणालियों को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में निर्णायक कदम

भारत की यह हाइड्रोजन ट्रेन (Hydrogen Train) न केवल तकनीकी रूप से अत्याधुनिक है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक निर्णायक कदम है। आने वाले समय में जब यह ट्रेन पटरियों पर दौड़ेगी, तो यह भारत के स्वच्छ ऊर्जा के सपने को साकार करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।

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