Bullet Train: देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर एक अहम अपडेट सामने आया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में बताया कि मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल (MAHSR) परियोजना का काम तेजी से चल रहा है और पूरा प्रोजेक्ट दिसंबर 2029 तक पूरा हो जाएगा, जबकि वापी से साबरमती तक का गुजरात सेक्शन दिसंबर 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
जापान सरकार दे रही है आर्थिक और तकनीकी मदद
इस हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट को जापान सरकार की तकनीकी और वित्तीय सहायता से बनाया जा रहा है। रेल मंत्री ने बताया कि यह परियोजना गुजरात, महाराष्ट्र और दादरा नगर हवेली से होकर गुजरेगी, जिसमें 12 स्टेशन होंगे—मुंबई, ठाणे, विरार, बोइसर, वापी, बिलीमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद, अहमदाबाद और साबरमती।
अब तक खर्च हो चुके हैं ₹78,839 करोड़
परियोजना पर 30 जून 2025 तक ₹78,839 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं। कुल अनुमानित लागत ₹1,08,000 करोड़ है, जिसमें से 81% (₹88,000 करोड़) जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) द्वारा फंड किया जा रहा है। बाकी 19% (₹20,000 करोड़) का वहन भारतीय रेल मंत्रालय और महाराष्ट्र व गुजरात राज्य सरकारें कर रही हैं।
महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण से हुआ था विलंब
रेल मंत्री ने बताया कि 2021 तक महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण में देरी के कारण परियोजना की गति धीमी हुई थी, लेकिन अब 1389.5 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण पूरा हो चुका है। सभी जरूरी जैव विविधता, तटीय क्षेत्र और वन विभाग की मंजूरियाँ मिल चुकी हैं, और सभी सिविल कॉन्ट्रैक्ट भी आवंटित किए जा चुके हैं।
निर्माण कार्य में आई तेजी
अब तक 392 किलोमीटर पियर निर्माण, 329 किलोमीटर गर्डर कास्टिंग और 308 किलोमीटर गर्डर लॉन्चिंग का काम पूरा किया जा चुका है। इसके अलावा 21 किलोमीटर लंबी अंडरसी टनल का निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है। परियोजना की देखरेख नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) कर रही है, जो अन्य संभावित हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए भी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) बना रही है।
किराए को लेकर मंत्री ने क्या कहा?
रेल मंत्री ने कहा कि बुलेट ट्रेन जैसी परियोजनाएं पूंजी-गहन होती हैं। नए प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले तकनीकी और आर्थिक व्यवहार्यता, यात्री मांग और वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता जैसे पहलुओं पर विचार किया जाता है। उन्होंने भरोसा दिया कि बुलेट ट्रेन की सेवा के लिए सामाजिक-आर्थिक स्थितियों को ध्यान में रखकर किराया तय किया जाएगा।
पूरी परियोजना का समयबद्ध निष्पादन चुनौतीपूर्ण
अंत में रेल मंत्री ने कहा कि इस अत्याधुनिक और जटिल परियोजना का सम्पूर्ण समयबद्ध निष्पादन तभी संभव है जब सभी घटक—जैसे ट्रैक, विद्युतीकरण, सिग्नलिंग, टेलीकम्युनिकेशन और ट्रेनसेट की आपूर्ति—सफलतापूर्वक पूरी हो जाएं। यह देश में तकनीक के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग होगी।
FAQ:
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कब से शुरू होगी?
रेल मंत्री के अनुसार, बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट दिसंबर 2029 तक पूरा कर लिया जाएगा। जबकि गुजरात सेक्शन दिसंबर 2027 तक तैयार हो जाएगा।
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की कुल लागत कितनी है?
इस हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट की कुल अनुमानित लागत ₹1.08 लाख करोड़ है।
बुलेट ट्रेन के लिए आर्थिक मदद कौन दे रहा है?
इस परियोजना को जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) द्वारा 81% तक वित्तीय सहायता दी जा रही है।
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन किन-किन शहरों से होकर गुजरेगी?
यह ट्रेन मुंबई, ठाणे, विरार, बोइसर, वापी, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद, अहमदाबाद और साबरमती जैसे 12 प्रमुख स्टेशनों से होकर गुजरेगी।
क्या बुलेट ट्रेन का किराया आम लोगों के लिए किफायती होगा?
रेल मंत्री ने कहा है कि किराया निर्धारण में यात्रियों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखा जाएगा, ताकि यह अधिकतम लोगों के लिए सुलभ हो।