Rail Coach Restaurant: बंड्रा स्टेशन पर रेलवे कोच बना अनोखा रेस्टोरेंट, हेरिटेज थीम में मिलेगा स्वादिष्ट खाना

Rail Coach Restaurant: मुंबई के बंड्रा लोकल स्टेशन पर भारतीय रेलवे ने एक अनूठी पहल की है, जिसमें एक पुराने और निष्क्रिय यात्री डिब्बे को पूरी तरह से बदलकर उसे एक शानदार 24×7 रेल कोच रेस्टोरेंट में तब्दील कर दिया गया है। यह रेस्टोरेंट अब न केवल यात्रियों बल्कि शहरवासियों के बीच भी आकर्षण का केंद्र बन गया है।

हेरिटेज थीम में सजी रेल कोच रेस्टोरेंट

यह रेल कोच रेस्टोरेंट दिखने में एक आम ट्रेन की बोगी जैसा ही है, लेकिन अंदर प्रवेश करते ही आपको एक आलीशान हेरिटेज-थीम वाले रेस्तरां का अनुभव होता है। इसके इंटीरियर को इस तरह डिजाइन किया गया है कि वह राजसी माहौल का एहसास कराता है — छत पर खूबसूरत चांदेलियर्स, दीवारों पर रेलवे इतिहास से जुड़ी तस्वीरें, और आरामदायक बैठने की व्यवस्था इसे खास बनाते हैं।

 Unique Railway Restaurant
Bandra 24×7 Rail Coach Dining

दिन-रात खुला रहेगा रेस्टोरेंट

इस रेस्टोरेंट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह 24 घंटे, सातों दिन खुला रहता है। यानी अब स्टेशन पर देर रात या सुबह जल्दी भी स्वादिष्ट खाना उपलब्ध रहेगा। यात्रियों के अलावा आम लोग भी यहां आकर भोजन का लुत्फ उठा सकते हैं।

भारतीय रेलवे की नवाचारी पहल

रेल मंत्रालय ने 25 जुलाई 2025 को एक ट्वीट के माध्यम से इस रेस्टोरेंट के बारे में जानकारी दी। मंत्रालय ने लिखा कि “एक पुराने और निष्क्रिय यात्री कोच को बंड्रा लोकल स्टेशन पर 24×7 रेल कोच रेस्टोरेंट में तब्दील किया गया है, जहां विरासत-थीम में स्वादिष्ट भोजन का आनंद लिया जा सकता है।”

पर्यावरण और पुनः उपयोग की दिशा में कदम

इस पहल से भारतीय रेलवे ने यह भी दिखा दिया है कि पुराने संसाधनों का कैसे बेहतर उपयोग किया जा सकता है। अनुपयोगी कोच को नया जीवन देकर न सिर्फ स्थान का सदुपयोग किया गया, बल्कि स्टेशन परिसर को भी एक नया आकर्षण मिला।

स्थानीय लोगों और यात्रियों को मिल रही सराहना

मुंबई के लोग इस रेस्टोरेंट की जमकर तारीफ कर रहे हैं। स्टेशन पर सुविधाजनक लोकेशन, स्वच्छ वातावरण और अलग अनुभव की वजह से यह रेस्टोरेंट सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। कई लोग इसे “रेलवे का कैफे ऑन ट्रैक” कह रहे हैं।

विरासत को संरक्षित करते हुए एक नया अनुभव

बंड्रा स्टेशन पर बना यह 24×7 रेल कोच रेस्टोरेंट सिर्फ एक खानपान केंद्र नहीं, बल्कि रेलवे की नवाचार क्षमता का प्रतीक है। यह न केवल यात्रियों को बेहतर सुविधा देता है, बल्कि विरासत को संरक्षित करते हुए एक नया अनुभव भी प्रदान करता है।

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