Railway Chart Preparation New Timing: भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण बदलाव की शुरुआत की है। अब रिजर्वेशन चार्ट ट्रेन के प्रस्थान से 24 घंटे पहले तैयार किया जाएगा। यह नियम फिलहाल परीक्षण के दौर में है, लेकिन सफल होने पर इसे देशभर में लागू किया जा सकता है। आइए जानते हैं इस नए नियम से यात्रियों को क्या लाभ होगा और टिकट कैंसिलेशन व रिफंड प्रक्रिया में क्या बदलाव आएगा।
अब जल्दी मिलेगा वेटिंग टिकट का स्टेटस
अभी तक ट्रेन के चार्ट यात्रा से करीब 4 घंटे पहले तैयार किए जाते थे। इससे वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को अंतिम समय तक अपने टिकट की स्थिति के बारे में अनिश्चितता बनी रहती थी। लेकिन नए नियम के तहत चार्ट 24 घंटे पहले तैयार हो जाएगा, जिससे यात्री एक दिन पहले ही जान सकेंगे कि उनका टिकट कन्फर्म हुआ है या नहीं।
समय रहते टिकट रद्द करने का मिलेगा मौका
नई व्यवस्था के तहत यात्रियों को कन्फर्मेशन की स्थिति जल्दी पता चलने से वे समय रहते अपनी यात्रा की योजना बना सकेंगे या टिकट रद्द करने का निर्णय ले सकेंगे। इससे न सिर्फ असमंजस की स्थिति खत्म होगी, बल्कि रिफंड लेने का भी पर्याप्त समय मिलेगा।
कितना कटता है टिकट रद्द करने पर पैसा?
यदि ट्रेन प्रस्थान से 48 से 12 घंटे पहले टिकट रद्द किया जाए, तो कुल किराए का 25% काटा जाता है। 12 से 4 घंटे पहले टिकट रद्द करने पर कटौती अधिक हो जाती है। और एक बार चार्ट बनने के बाद, कन्फर्म टिकट रद्द करने पर आमतौर पर रिफंड नहीं मिलता हैं। अब नए नियम के लागू होने पर चूंकि चार्ट 24 घंटे पहले बनेगा, ऐसे में यात्रियों को टिकट कैंसिल करने का निर्णय और भी जल्दी लेना होगा।
क्या रिफंड राशि कोच के अनुसार बदलती है?
हाँ, टिकट कैंसिलेशन पर मिलने वाली रिफंड राशि यात्री द्वारा चुने गए कोच वर्ग पर निर्भर करती है। एसी कोच की टिकट रद्द करने पर कटौती अधिक होती है क्योंकि इनका किराया भी अधिक होता है। वहीं, स्लीपर और जनरल क्लास के टिकट पर कटौती अपेक्षाकृत कम होती है।
यदि वेटिंग लिस्ट वाला टिकट रद्द किया जाता है और वह कन्फर्म नहीं हुआ है, तो यात्री को लगभग पूरा किराया रिफंड मिल जाता है।
ऑनलाइन टिकट का रिफंड स्टेटस कहां देखें?
अगर आपने टिकट IRCTC वेबसाइट या मोबाइल ऐप के जरिए बुक किया है, तो रिफंड स्टेटस आसानी से वहां चेक किया जा सकता है। सिस्टम यह भी दिखाएगा कि कितना पैसा काटा गया है और कितना रिफंड मिलेगा।
क्या यह नियम पूरे देश में लागू हो गया है?
फिलहाल यह नया चार्टिंग नियम पायलट प्रोजेक्ट के रूप में केवल एक स्टेशन पर लागू किया गया है। यदि यह परीक्षण सफल रहता है, तो भारतीय रेलवे इसे देश के अन्य स्टेशनों पर भी लागू करेगा। इसके साथ ही रिफंड नीति में भी जरूरी बदलाव किए जा सकते हैं।
रेलवे का यह नया नियम यात्रियों के लिए राहतभरा साबित हो सकता है। इससे न केवल यात्रा योजना बनाने में सुविधा होगी, बल्कि टिकट कैंसिलेशन और रिफंड से जुड़ी प्रक्रिया भी अधिक पारदर्शी और समयबद्ध होगी। अब देखना होगा कि यह परीक्षण कितनी जल्दी देशभर में लागू किया जाता है।